What’s the Difference between Investing and Trading in hindi ?
Investing vs. Trading- इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग के बारे में जानने से पहले ये जानना जरुरी है की हम शेयर मार्किट में इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग बात कर रहे है अपने अक्सर शेयर मार्किट में 2 टर्म बहुत सुनी होगी या पढ़ी होगी इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग . इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग दोनों शेयर मार्किट में काम करने के अलग अलग तरीके है
शेयर मार्किट में काम करने का सभी का अपना तरीका होता है कोई लम्बे समय इंतज़ार करके कम जोखिम में ज्यादा पैसे कमाता है और कोई कम समय में जायदा जोखिम लेकर जायदा पैसे कमाने की कोशिश करता है
Investing
इंवेस्टिंग का मतलब ही लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट है जिसमे आप अपने पैसे किसी अच्छी फंडामेंटल वाली कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट करते है और 5-10 या उससे अधिक साल तक अच्छे रिटर्न का इंतज़ार करते है|
investing (Investing vs. Trading)में बहुत धैर्य की जरुरत होती है इसमें लम्बे समय तक आपको अपने पैसे को मार्किट के हवाले करना पड़ता .बस आपको कंपनी की हर साल की परफॉर्मन्स पर नज़र रखना होगा |
अपने वारेन बुफेट के बारे सुना होगा वो 50 साल की उम्र में करोड़पति बने थे .एक बार बारेन बफेट से पूछा गया कि आपकी इन्वेस्टमेंट स्ट्रॅटजी इतनी सिंपल है लेकिन लोग इसे कॉपी करके अमीर क्यों नहीं बनते तब उन्होंने जबाब दिया कोई भी आदमी धीरे धीरे अमीर नहीं बनना चाहता |
Investing vs. Trading :-IF YOUR INVESTMENT STRATEGY IS SO SIMPLE WHY DONOT PEOPLE COPY IT AND BECOME RICH ? ANS –NOBODY WANT TO GET RICH SLOWLY
आज इंडिया में 90 % ट्रेडर्स अपना पैसा गवां देते है वही 90% इन्वेस्टर अपना पैसा डबल करते है .लेकिन इन्वेस्टमेंट में इयरली आपको 12% के आसपास सालाना रिटर्न मिलता है और ट्रेडिंग में आप मंथली 12 % का रिटर्न निकल सकते हो जो इयरली 144% होता है लेकिन इसमें रिस्क ज्यादा होती है
इन्वेस्टिंग में आपको बहुत सारे रिवॉर्ड मिलते है जैसे की डिविडेंड कपौडिंग ग्रोथ कैपिटल गेन आदि इन्वेस्टिंग एक passive income अच्छा सोर्स होता है जिसमे आपके कुछ किये बिना आपका पैसा ग्रो होता रहता है और इनकम के लिए डिविडेंड देता रहता है
Trading
ट्रेडिंग एके शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट इवेंट है ट्रेडिंग में आप किसी कंपनी का शेयर आज खरीद कर आज ही बेच देते है इसमें ट्रेडर को 1 दिन में ज्यादा प्रॉफिट चाहिए .ट्रेडिंग में जोखिम ज्यादा होता है इसमें आप रुझान के अनुसार काम करते है जैसे ही स्टॉक ऊपर की ओर जाता हे आप स्टॉक खरीद लेते है जिसके लिए आपको चार्ट और कुछ रिसर्च करना होता हे और उसके उपर नज़र रखना होता है .
Trading बहुत टाइप की होती है जैसे की
1.इंट्राडे ट्रेडिंग जिसमे स्टॉक को जिस दिन ख़रीदा उसी दिन बेचना होता है
2. स्विंग ट्रेडिंग जिसमे एक दिन से एक वीक तक होल्ड करते है .
3. पोजीशन ट्रेडिंग जिसमे स्टॉक को 1दिन से लेकर 1 साल तक होल्ड किया जाता है जो एक तरह का शार्ट टर्म इन्वेस्टमेंट होता है
4. स्कैल्प ट्रेडिंग जिसमे ट्रेडर कुछ मिनिट के लिए ही स्टॉक होल्ड करता है
👍
👍