2,000 रुपये के बिलों की निकासी, बैंक स्टॉक, स्वच्छ नोट नीति :-Hindipass

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2000 रुपये का नोट एक लंबा सफर तय कर चुका है। यह सात साल पहले बनाया गया था जब नरेंद्र मोदी ने 2016 में नीले रंग से मुद्रीकरण शुरू किया था। और अब उस “गुलाबी नोट” को सूर्यास्त में जाने दें। इसी को ध्यान में रखते हुए आज हम आपके लिए एक खास शो लेकर आए हैं। हम 2000 रुपये की मुद्रा को उसकी कानूनी निविदा स्थिति से हटाने के आरबीआई के कदम के असंख्य संभावित प्रभावों पर चर्चा करते हैं। हम सबसे पहले बताएंगे कि आपको इन नोटों को कैसे एक्सचेंज करना चाहिए। हम आपको सर्वोत्तम संभव तरीके और रास्ते में आपके सामने आने वाली चुनौतियाँ दिखाते हैं। लेकिन इस कदम का हमारी अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा? क्या यह सरकारों और व्यवसायों के लिए उधार दरों को प्रभावित करेगा? विशेषज्ञ क्या कहते हैं? आरबीआई के कदम से बैंकिंग प्रणाली में तरलता को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद थी। हालांकि, शेयर बाजारों में सेंटीमेंट नहीं दिखा, क्योंकि ज्यादातर बैंक शेयरों में सोमवार को कमजोरी रही। तो निवेशकों ने इस कदम का स्वागत क्यों नहीं किया? और बैंक शेयरों के लिए भविष्य क्या है? और अब अहम सवाल पर: आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को बंद करने का फैसला क्यों किया? आरबीआई गवर्नर शकांत दास के अनुसार, यह कदम केंद्रीय बैंक की “क्लीन नोट” नीति के हिस्से के रूप में लिया गया था। लेकिन यह नीति क्या है? पॉडकास्ट के इस एपिसोड में हमने आपके लिए इसे डिकोड किया है।

पहले प्रकाशित: मई 23, 2023 | 8:00 बजे है

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